The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख shiv chalisa lyricsl प्रभु आप निवारा॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
लिङ्गाष्टकम् shiv chalisa in hindi